Prime Minister’s Office of India

09/24/2023 | Press release | Distributed by Public on 09/24/2023 04:05

Text of PM’s address while flagging off nine Vande Bharat Express trains via video conferencing

Prime Minister's Office

Text of PM's address while flagging off nine Vande Bharat Express trains via video conferencing

Posted On: 24 SEP 2023 3:31PM by PIB Delhi

नमस्‍कार!

इस कार्यक्रम में उपस्थित विभिन्न राज्यों के राज्यपाल श्री, अलग-अलग राज्यों में मौजूद मुख्यमंत्री साथी, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मेरे सदस्य, राज्यों के मंत्री, सांसदगण, विधायकगण, अन्य जनप्रतिनिधि, और मेरे परिवारजनों,

देश में आधुनिक कनेक्टिविटी के विस्तार का ये अभूतपूर्व अवसर है। इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की ये स्पीड और स्केल 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाओं से बिल्कुल match कर रही है। और यही तो आज का भारत चाहता है। यही तो नए भारत के युवाओं, उद्यमियों, महिलाओं, प्रोफेशनल्स, कारोबारियों, नौकरी-पेशा से जुड़े लोगों की Aspirations हैं। आज एक साथ 9 वंदेभारत ट्रेन की शुरुआत होना भी इसी का उदाहरण है। आज एक साथ राजस्थान, गुजरात, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटका और केरला के लोगों को वंदेभारत एक्सप्रेस की सुविधा मिली है। आज जिन ट्रेनों को शुरू किया गया है, वे पहले की तुलना में ज्यादा आधुनिक और आरामदायक हैं। ये वंदेभारत ट्रेनें नए भारत के नए जोश, नए उत्साह और नई उमंग का प्रतीक हैं। मुझे इस बात की भी खुशी है कि वंदेभारत का क्रेज लगातार बढ़ रहा है। इससे अब तक एक करोड़ 11 लाख से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं, और ये संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है।

साथियों,

देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के लोगों को अब तक 25 वंदेभारत ट्रेनों की सुविधा मिल रही थी। अब इसमें 9 और वंदे भारत एक्सप्रेस जुड़ जाएंगी। वो दिन दूर नहीं, जब वंदेभारत देश के हर हिस्से को कनेक्ट करेगी। मुझे खुशी है कि वंदेभारत एक्सप्रेस अपने उद्देश्य को बखूबी पूरा कर रही है। ये ट्रेन उन लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो गई है जो सफर का समय कम से कम रखना चाहते हैं। ये ट्रेन उन लोगों की बहुत बड़ी जरूरत बन गई है, जो दूसरे शहर में कुछ घंटों का काम खत्म करके उसी दिन लौट आना चाहते हैं। वंदेभारत ट्रेनों ने पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी ला दी है। जिन जगहों तक वंदेभारत एक्सप्रेस की सुविधा पहुंच रही है, वहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है। पर्यटकों की संख्या बढ़ने का मतलब है वहां कारोबारियों, दुकानदारों की आय में बढ़ोतरी हो रही है। इससे वहां रोजगार के नए अवसर भी तैयार हो रहे हैं।

मेरे परिवारजनों,

भारत में आज जो उत्साह और आत्मविश्वास का वातावरण बना है, वैसा पिछले कई दशकों में नहीं बना था। आज हर भारतवासी अपने नए भारत की उपलब्धियों से गौरवान्वित है। चंद्रयान-3 की सफलता ने सामान्य मानवी की उम्मीदों को आसमान पर पहुंचा दिया है। आदित्य एल-1 की लॉन्चिंग ने हौसला दिया है कि अगर इरादा मजबूत हो तो कठिन से कठिन लक्ष्य को भी हासिल किया जा सकता है। जी-20 समिट की कामयाबी ने ये विश्वास दिया है कि भारत के पास डेमोक्रेसी, डेमोग्राफी और डाइवर्सिटी की कितनी अद्भुत ताकत है। आज भारत के कूटनीतिक कौशल की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। हमारे women-led development के विजन को दुनिया ने सराहा है। अपने इस विजन पर आगे बढ़ते हुए सरकार ने संसद में 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' पेश किया था। नारी शक्ति वंदन अधिनियम के आने के बाद हर सेक्टर में महिलाओं के योगदान और उनकी बढ़ती भूमिका की चर्चा हो रही है। आज कई रेलवे स्टेशनों का संचालन भी पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। मैं ऐसे प्रयासों के लिए रेलवे की सराहना करता हूं, देश की सभी महिलाओं को नारी शक्ति वंदन अधिनियम के लिए फिर से बधाई देता हूं।

साथियों,

आत्मविश्वास से भरे इस माहौल के बीच, अमृतकाल का भारत, अपनी वर्तमान और भविष्य की जरूरतों पर एक साथ काम कर रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर की प्लानिंग से लेकर एग्जीक्यूशन तक में हर स्टेकहोल्डर में तालमेल रहे, इसके लिए पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान बनाया गया है। देश में ट्रांसपोर्टेशन का खर्च कम हो, हमारे एक्सपोर्ट्स की लागत कम से कम हो, इसके लिए नई लॉजिस्टिक्स पॉलिसी लागू की गई है। देश में ट्रांसपोर्ट का एक माध्यम, दूसरे को सपोर्ट करे, इसके लिए मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी पर जोर दिया जा रहा है। इन सारे प्रयासों का बड़ा लक्ष्य यही है कि भारत के नागरिक के लिए Ease of Travel बढ़े, उसका कीमती समय बचे। ये वंदेभारत ट्रेनें इसी भावना का एक प्रतिबिंब हैं।

साथियों,

भारतीय रेलवे, देश के गरीब और मिडिल क्लास की सबसे भरोसेमंद सहयात्री है। हमारे यहां एक दिन में जितने लोग ट्रेन में सफर करते हैं, उतनी तो कई देशों की आबादी भी नहीं है। ये दुर्भाग्य रहा कि पहले भारतीय रेलवे को आधुनिक बनाने पर उतना ध्यान दिया ही नहीं गया। लेकिन अब हमारी सरकार, भारतीय रेलवे के कायाकल्प में जुटी है। सरकार ने रेल बजट में अभूतपूर्व बढ़ोतरी की है। 2014 में रेलवे का जितना बजट था, इस साल उससे 8 गुना ज्यादा बजट दिया गया है। रेल लाइनों का दोहरीकरण हो, बिजलीकरण हो, नई ट्रेनों को चलाना हो, नए रूट्स का निर्माण हो, इन सभी पर तेजी से काम हो रहा है।

साथियों,

भारतीय रेल में यात्रियों के लिए अगर ट्रेन, चलता फिरता घर होती है तो हमारे रेलवे स्टेशन भी उनके अस्थाई घर जैसे ही होते हैं। आप और हम जानते हैं कि हमारे यहां हजारों रेलवे स्टेशंस ऐसे हैं जो गुलामी के काल के हैं, जिनमें आजादी के 75 साल बाद भी बहुत बदलाव नहीं आया था। विकसित होते भारत को अब अपने रेलवे स्टेशनों को भी आधुनिक बनाना ही होगा। इसी सोच के साथ पहली बार भारत में रेलवे स्टेशनों के विकास और आधुनिकीकरण का अभियान शुरू किया गया है। आज देश में रेल यात्रियों की सुविधा के लिए रिकॉर्ड संख्या में फुट ओवर ब्रिज, लिफ्ट्स और एस्केलेटर्स का निर्माण हो रहा है। कुछ दिनों पहले ही देश के 500 से ज्यादा बड़े स्टेशनों के रिडेवलपमेंट का काम शुरू किया गया है। अमृतकाल में बने ये नए स्टेशन अमृत भारत स्टेशन कहलाए जाएंगे। ये स्टेशन आने वाले दिनों में, नए भारत की पहचान बनेंगे।

मेरे परिवारजनों,

रेलवे स्टेशन कोई भी हो, उसका एक स्थापना दिवस जरूर होता है, जन्मदिवस जरूर होता है। मुझे इस बात की खुशी है कि अब रेलवे ने रेलवे स्टेशनों का जन्मोत्सव यानी स्थापना दिवस मनाना शुरू किया है। हाल ही में तमिलनाडु के कोयंबटूर, मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, पुणे समेत कई स्टेशनों के स्थापना दिवस को सेलिब्रेट किया गया। कोयंबटूर के रेलवे स्टेशन ने तो यात्रियों की सेवा के 150 वर्ष पूरे किए हैं। ऐसी उपलब्धियों पर वहां के लोगों को गर्व होना स्वाभाविक है। अब रेलवे स्टेशनों का जन्मदिवस मनाने की इस परंपरा का और विस्तार किया जाएगा, इससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा।

मेरे परिवारजनों,

अमृतकाल में देश ने, एक भारत श्रेष्ठ भारत के विजन को संकल्प से सिद्धि का माध्यम बनाया है। 2047 के जब देश आजादी के 100 साल मनाएगा, 2047 विकसित भारत का लक्ष्य हासिल करने के लिए हर राज्य का, हर राज्य के लोगों का विकास भी उतना ही जरूरी है। पहले की सरकारों में जब कैबिनेट का गठन होता था, तब इस बात की सबसे ज्यादा चर्चा होती थी कि रेल मंत्रालय किसको मिलेगा। माना जाता था कि रेल मंत्री जिस राज्य से होगा, उसी राज्य में ज्यादा ट्रेनें चलेंगी। और उसमें भी होता ये था कि नई ट्रेनों की घोषणाएं तो कर दी जाती थीं लेकिन पटरी पर बहुत कम ही उतरती थीं। इस स्वार्थ भरी सोच ने रेलवे का ही नहीं, देश का बहुत बड़ा नुकसान किया। देश के लोगों का नुकसान किया। अब देश किसी राज्य को पीछे रखने का जोखिम नहीं ले सकता। हमें सबका साथ सबका विकास के विजन को लेकर आगे बढ़ते रहना होगा।

मेरे परिवारजनों,

आज मैं रेलवे के अपने परिश्रमी कर्मचारियों से भी एक बात कहूंगा। जब कोई दूसरे शहर या दूर किसी जगह से यात्रा करके आता है, तो उससे सबसे पहले यही पूछा जाता है कि सफर कैसा रहा। वो व्यक्ति सिर्फ अपने सफर का अनुभव ही नहीं बताता, वो घर से निकलने से लेकर मंजिल तक पहुंचने की पूरी बात करता है। वो बताता है कि रेलवे स्टेशन कितने बदल गए हैं, वो बताता है कि ट्रेनों का परिचालन कितना व्यवस्थित हो गया है। उसके अनुभवों में टीटी का व्यवहार, उसके हाथ में कागज की जगह टैबलेट, सुरक्षा के इंतजाम, खाने की क्वालिटी सब प्रकार की बातें होती हैं। इसलिए आपको, रेलवे के हर कर्मचारी को, Ease of Travel के लिए, यात्रियों को अच्छा अनुभव देने के लिए, लगातार संवेदनशील रहना होता है। और आजकल ये बातें जब सुनने को मिलती हैं इतना अच्छा हुआ, इतना अच्छा हुआ, इतना अच्छा हुआ तो मन को एक खुशी मिलती हैं। और इसलिए मैं ऐसे जो प्रतिबद्ध कर्मचारी हैं, उनकी भी जी-जान से बधाई करता हूँ।

मेरे परिवारजनों,

भारतीय रेलवे ने स्वच्छता को लेकर जो नए प्रतिमान गढ़े हैं, उसे भी हर देशवासी ने नोटिस किया है। पहले की अपेक्षा अब हमारे स्टेशंस, हमारी ट्रेनें कहीं ज्यादा साफ रहने लगी हैं। आप जानते हैं गांधी जयंती दूर नहीं है। स्वच्छता के प्रति गांधी जी का जो आग्रह था, वो भी हम जानते हैं। स्वच्छता के लिए किया गया हर प्रयास, गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि है। इसी भावना के साथ अब से कुछ दिन बाद, एक अक्टूबर को सुबह 10 बजे, स्वच्छता पर एक बहुत बड़ा आयोजन होने जा रहा है। देश के कोने-कोने में हो रहा है और देशवासियों के नेतृत्व में हो रहा है। मेरा आपसे आग्रह है, बहुत आग्रह है, आप भी स्वच्छता के इस अभियान से जरूर जुड़ें। 1 तारीख, 10 बजे का समय और अभी से पक्का कर लीजिए। गांधी जयंती पर हर देशवासी को खादी और स्वदेशी उत्पादों की खरीद का मंत्र भी दोहराना चाहिए। 2 अक्टूबर को गांधी जयंती है, 31 अक्टूबर सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती है। एक प्रकार से पूरा महीना हम प्रयत्नपूर्वक खादी खरीदें, हैंडलूम खरीदें, हैंडीक्राफ्ट खरीदें। हमें लोकल के लिए ज्यादा से ज्यादा वोकल होना है।

साथियों,

मुझे विश्वास है कि भारतीय रेल और समाज में हर स्तर पर हो रहा बदलाव विकसित भारत की ओर एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। मैं एक बार फिर नई वंदेभारत ट्रेनों के लिए देश के लोगों को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।

बहुत-बहुत धन्यवाद।

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DS/VJ/AV



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